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Shayari Dil Se.

 


 मेरा बड़ा ख्याल रखती हो...

       मेरी बातों का भी ख्याल रखो ना...!

       क्यों जा रही हो दूर इतनी जल्दी...

       आओ कुछ देर पास बैठो ना....!


 कभी जमीं लिखता हूँ तो कभी छत लिखता हूँ |                               

                  गुमसुम बैठा, तेरी यादों से भरा ख़त लिखता हूँ |                                      

तन्हाई का आलम ये है....

 की कभी कुछ नहीं लिखता तो कभी बहुत लिखता हूँ |  


 मैं मरा नहीं हूँ मेरा जमीर अभी जिन्दा है |

                       शतरंज के इस खेल में मेरा वजीर अभी जिन्दा है |

       हार कैसे मान लूं, दिल में उम्मीद का शमशीर अभी जिन्दा है..|


पापा कहते हैं कि तू बड़ा झूठ बोलता है, तुम लायर बन जाना |

       मम्मी कहती हैं की अगर समाज में बाते न कर पाना तो कायर बन जाना |

       मगर मेरे दोस्त कहते हैं की निलेश तू बड़ा अच्छा लिखता है ,भाई तू शायर बन जाना | 


अकेले में जान..

महफिलों में अनजान...!

चल हट,

नहीं चाहिए मुझे ऐसी पहचान...!!

        

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