Shayri Dil Se
"तू हुस्न परी मैं बिन पंखों का बाज हूं।
तू पराया धन है, मैं स्वराज हूं।
तू माथे की सिकन, मैं सर का ताज हूं।
तुझे शौक है उड़ने का,
मुझे पांव जमीं पर रखना अच्छा लगता है।
मैं डाउट में रखता हूं, हर किसी को....
तुझे हर शख्स सच्चा लगता है।"
"ऐ हुस्न परी तुम जाने जहां, तुम आंसुओं का सैलाब हो।
पापा की परी नहीं ,तुम रहस्य की किताब हो।
एक्टिंग तुझमें कूट कूट के भरी है,
परदे में होते हुए भी तुम बेनकाब हो।
भाई के तुम दिल की धड़कन, आशिको की शराब हो।
ऐ हुस्न परी तुम जाने जहां, तुम आंसुओं का सैलाब हो।"
"हाल तो देखो हमारा दिल इतना बेचैन है की , अब एक पल का भी इंतजार नहीं।
और वो तो देखती भी नहीं हमारी तरफ, लगता है कि उसे प्यार नहीं।"
"मर तो मैं उसी वक्त गया, जब तेरी उंगलियो में छल्ला किसी और का देखा।
यकीं तो तब हुआ ,जब तेरी गलियों में किसी गैर को देखा ।
तुम हंस हंस के उससे बात करती हो,और मुझसे सीधे मुंह बात नहीं करती।
तुम्हारा तो पूरा दिन कट जाता है, मेरी तो एक रात नहीं कटती।"
पहले रेंगते थे हम,अब फिसलने लगें हैं।
गिर गिर के ही सही , अब चलने लगें हैं।
गलतियां तो बहुत की हमने,अब संभलने लगें हैं।
थोड़ा ही सही,कुछ तो बदलने लगें हैं।"
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