बेवजह अटकने से क्या होगा ?
उनकी गलियों में भटकने स क्या होगा ? मंजिल पानी है,तो अपने हौसले को
ऊँचा करो..... यूँ झूले पर लटकने से क्या होगा ?
तुम पढ़ाकू, मैं घुमने घुमने वाला |
चलो एक मुलाकात देख ली जाय |
Exam आ रहा है......
चलो एक दुसरे की औकात देख ली जाय |
1. लिखना चाहता हूँ मोहब्बत,मगर उसकी कोई तस्वीर नहीं है |
मैं राँझा हूँ बेशक,मगर तू मेरी हीर नहीं है |
मोहब्बत को खेल समझने वाली,
ये मोहब्बत है, तेरे बाप की कोई जागीर नहीं है |
1. जो भीड़ में गुम हो जाए मैं वो नाम नहीं हूँ |
तुम होगी बहुत खुबसूरत मगर...........
तुम जिसकी राधिका हो, मैं वो श्याम नहीं हूँ |
. अभी अभी तो निकला हूँ, इतनी जल्दी घर थोड़ी जायेंगे |
अजी छोडो मेरा जी हाल पूछना हमारा,
आप नहीं पूछोगे तो मर थोड़ी जायेंगे |
टूट जाता है हौसला मेरा, इस मंजर से |
जब छलनी कर दिया जाता है सपना
मेरा Demoralise के खंजर से......
ये दुनिया तो सिर्फ तमाशा देखती है ,
टूटती मकानों का,कोई ये नहीं कहता की
भवन भी बनाया जा सकता है ,
इस जर्जर से ...
तो उन्हें बता दो की अगर जिद्द हो
कुछ कर गुजरने की तो फसल भी
उगाई जा सकती है, बंजर से.......|`
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