Romantic Shayari.
अगर हमसे है ! तो जताओगी क्या ?
बाबू – शोना का शौक नहीं मुझे....
तुम जिंदगी का हिस्सा बन पाओगी क्या..?
दिल में है जो बात....
वो जुबाँ से बताती क्यों नही....
मोहब्बत हमसे है तो.....
जताती क्यों नहीं.....
अगर नहीं है मोहब्बत तो कसम
मेरे सर की खाती क्यों नहीं .....|
कहती हो तुम्हारी ये बंदिशें
मुझे नहीं भांति |
तुझे कोई और देखे ये मुझसे
देखी नहीं जाती |
सोचता हूँ की तुम्हे आसमां से जमीं पर लाया किसने होगा....
ये चाँद-सा घूँघट उठाया किसने होगा...?
की तुम्हे इतना खुबसूरत बनाया किसने होगा...?
बालों में जुडा,होंठों पर लाली,
आँखों में काजल करती है |
यूँ तो हजारों चाहने वालें हैं उसके
मगर वो एक पागल पर मरती है |
खुदा ने इस जहाँ में किसी को राजा तो किसी
को फकिर बनाया है |
इस जमाने ने मोहब्बत करने वालों में,
किसी को रांझा तो किसी को हीर बनाया है |
मुझे कुछ नहीं आता,.....
मैंने कलम से अपन हाथों पर
तेरे नाम का लकीर बनाया है |
हमारा ये इश्क किसी दिन हमें बदनाम कर देगा |
हमारे ही शहर में हम दोनों को गुमनाम कर देगा |
सोचता हूँ की इसे सरेआम किया जाय;......
वरना किसी दिन ये हम दोनों को चर्चा ऐ हर जुबान कर देगा |
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